Jago Re Parmatma ke chahane Walon

हमारे सभी धार्मिक ग्रन्थों व शास्त्रो में उस एक प्रभु/मालिक/रब/ खुदा/अल्लाह/राम/साहेब/गोड/परमेश्वर की प्रत्यक्ष नाम लिख कर महिमा गाई है कि वह एक मालिक/प्रभु कबीर साहेब है जो सतलोक में मानव सदृश स्वरूप में आकार में रहता है। वेद, गीता, कुरआन और गुरु ग्रन्थ साहेब ये सब लगभग मिलते जुलते ही हैं। यजुर्वेद के अ. 5 के श्लोक नं. 32 में, सामवेद के संख्या नं. 1400, 822 में, अथर्ववेद के काण्ड नं. 4 के अनुवाक 1 के श्लोक नं. 7, ऋग्वेद के म. 1 अ. 1 के सुक्त 11 के श्लोक नं. 4 में कबीर नाम लिख कर बताया है कि पूर्ण ब्रह्म कबीर है जो सतलोक में आकार में रहता है। गीता जी चारों वेदों का संक्षिप्त सार है। गीता जी भी उसी सतपुरुष पूर्ण ब्रह्म कबीर की तरफ इशारा करती है। गीता जी के अ. 15 के श्लोक नं. 16-17, अ. 18 के श्लोक नं. 46, 61 और 62; अ. 8 के श्लोक नं. 22 में; अ. 15 के श्लोक नं. 1,2,3, और 4 में उसी पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने का इशारा दिया है। श्री गुरु ग्रन्थ साहेब पृष्ट नं. 24 पर और पृष्ट नं. 721 पर नाम लिख कर कबीर साहेब की महिमा गाई है। इसी प्रकार कुरआन और बाईबल एक ही शास्त्रा समझो। दोनों लग...